
स्थान: संगम तट
संगम से दूरी: मालवीयनगर
खासियत: किला अकबर ने 1575 में बनवाया था। इसके निर्माण में 45 साल लगे थे। फिलहाल ये सेना की संपत्ति है। अक्षयवट और सरस्वती कूप समेत कई टूरिस्ट आकर्षण किले के अंदर हैं।

स्थान: जॉर्ज टाउन
संगम से दूरी: 5 किमी.
खासियत: इसे पहले अल्फ्रेड पार्क कहा जाता था। यहीं पर स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद ने खुद को गोली मारी थी। उनके नाम पर ही अब इसे आजाद पार्क कहा जाता है।

स्थान: मित्रनगर, झलवा
संगम से दूरी: 12.1 किमी.
खासियत: पौराणिक कथा के अनुसार, मंदिर की स्थापना चंद्रदेव ने क्षयरोग के श्राप से मुक्त होने के लिए की थी। यहां लोग गंभीर मारियों से निजात पाने के लिए आते हैं।

स्थान: टैगोर टाउन
संगम से दूरी: 5.2 किमी.
खासियत: एक समय यह नेहरू परिवार का निवास स्थान हुआ करता था। पंडित नेहरू के जीवन से जुड़े के कई फोटोज यहां देखने को मिलते हैं। ये सोमवार को बंद रहता है।

स्थान: अलोपी बाग, मटियारा रोड
संगम से दूरी: 2.6 किमी.
खासियत: ये मंदिर भारत के प्रतिष्ठित शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी सती के दाहिने हाथ का पंजा यहीं पर कटकर गिरा था।

स्थान: संगम मार्ग, अकबर किला
संगम से दूरी: 3.1 किमी.
खासियत: सरस्वती कूप एक पवित्र कुआं है। ऐसी मान्यता है कि कोई इस कुएं के जल से स्नान करे या ये जल ग्रहण करे तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

स्थान: फोर्ट रोड, कायडगंज
संगम से दूरी: 2.8 किमी.
खासियत: प्रयागराज किले के पास ही ये मनकामेश्वर मंदिर है। मान्यता है कि रामायण काल में मंदिर की स्थापना खुद श्रीराम ने सीता के कहने पर की थी।

स्थान: संगम मार्ग, अकबर किला
संगम से दूरी: 1 किमी.
खासियत: ये एक प्राचीन बरगद का पेड़ है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहीं पर राम, लक्ष्मण और सीता ने वनवास के दौरान विश्राम किया था।

स्थान: कर्नलगंज
संगम से दूरी: 5 किमी.
खासियत: त्रेतायुग में यहां राम, सीता और लक्ष्मण आए थे। यहीं महर्षि भारद्वाज उन्हें चित्रकूट जाने का रास्ता बताया था। रामायण में ये उल्लेख मिलता है।

स्थान: दारागंज
संगम से दूरी: 3.4 किमी.
खासियत: मान्यता है कि प्रयागराज आने वालों की यात्रा नागवासुकी के दर्शन के बिना अधूरी रह जाती है। यहां नागों के राजा वासुकी विराजमान हैं।

स्थान: गंगा घाट, संगम मार्ग
संगम से दूरी: 900 मीटर
खासियत: यह मंदिर 700 साल पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि हर साल गंगा कराने आती हैं।

स्थान: निराला मार्ग, दारागंज
संगम से दूरी: 2.1 किमी.
खासियत: ये भगवान माधव के 12 प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसमें भगवान वेणीमाधव अपने चतुर्भुज स्वरूप में मौजूद हैं।